आज मैं उसी बस में बैठा गुज़र रहा था पवई से, जिसमें हम पहली बार मिले थे, 122 की फ़ास्ट, तुम्हारी वाली सीट पे एक पारसी लड़की बैठी थी, उसका इंटर्व्यू था शायद ऐरोली में कहीं, वरना तो पारसी साउथ से बाहर दिखते नहीं हैं वो भी लोकल में तो हरगिज़ नहीं. मैं एक पलContinue reading “पारसी लड़की (लधु कथा): अमीर हाशमी”