एक समय था जब घर के सामने गुज़रता कोई भिक्षु प्रेम भरे स्वर में “राम का नाम” लेता था, अपनी मस्ती अपने प्रेम अनुराग से भरा हुआ वो स्वर जब कानों में पड़ता था तो घर से निकलकर उस फ़कीर को गले से लगाने को दिल करता था, आज यह विडंबना हैं कि राम काContinue reading “राम का नाम: अमीर हाशमी”