दिल को देने तसल्ली ये बात अच्छी है

दिल को देने तसल्ली ये बात अच्छी है, हक़ीक़त से रूबरू तुम अब भी ना हुए ये बात सच्ची है, हैं कई वाकिये वफ़ाओं के दिल में जज़्ब मेंरे भी मग़र, वफ़ादार तुम ही थे अकेले ये बात भी चलो सच्ची है, जाने तुमने क्या देखा था मुझमें मेरी मोहब्बत को छोड़कर, हर इल्ज़ाम हरContinue reading “दिल को देने तसल्ली ये बात अच्छी है”