मेरी ज़हर जैसी ज़िन्दगी को शहद करदे

मेरी ज़हर जैसी ज़िन्दगी को शहद करदें, कोई इतना चाहे मुझे कि बस हद करदे… मैं सोचता हूँ अक्सर कि तेरी गली से ना गुज़रू, बस मुझे यूं झांककर देखना जो बन्द करदे… नया-नया ईश्क़ है कुछ दिन तो तकेगा तेरी राहें, तुझे हाँ कहना हो जो अगर तो बस इशारा करदे.

“कामियाबी अधर्म के ज़्यादा करीब है, क्या समय आ गया हैं नास्तिक बन जाने का ?”: अमीर हाशमी

“कामियाबी अधर्म के ज़्यादा करीब है, क्या समय आ गया हैं नास्तिक बन जाने का ?” थॉमस एडिसन की शिक्षा, उनका स्कूल से निकाल दिया जाना, और माँ के प्रोत्साहन से भरी इमोशनल कहानियाँ हज़ारों है जिसमें कही पर थॉमस एडिसन ख़ुद एक हीरो है, तो कही माँ के महत्त्व की ब्रांडिंग नज़र आती है,Continue reading ““कामियाबी अधर्म के ज़्यादा करीब है, क्या समय आ गया हैं नास्तिक बन जाने का ?”: अमीर हाशमी”

कैसा है शमशान देख ले, चल मेरा खलिहान देख ले

अमीर हाशमी की कलम से… कैसा है शमशान देख ले, चल मेरा खलिहान देख ले… कैसा है शमशान देख ले, चल मेरा खलिहान देख ले. अगर देखना है मुर्दा तो, चल कर एक किसान देख ले. सर्वनाश का सर्वे कर-कर, पटवारी धनवान देख ले. सिर्फ़ अँगूठा लिया सेठ ने, कितना मेहरबान देख ले. मरहम मेंContinue reading “कैसा है शमशान देख ले, चल मेरा खलिहान देख ले”

क्या हुआ के हैरानी है

क्या हुआ के हैरानी है हर तरफ़ जहां में, क्या ये भी मुमक़िन नहीं कि जहाँ में कोई मेरा हो, क्या अक्सर लोग यूँ ही नहीं हमसाये हो जाते है, क्या मुमकिन नहीं कि वैसे ही तुम मेरे हो गये हो, क्या मुझमें ही हैं वो सारी कि सारी खूबियाँ, क्या तुम्हें भी यूँ हीContinue reading “क्या हुआ के हैरानी है”