“असली मर्द कमजोरों के लिए लड़ता हैं, कमजोर से नहीं”

यह कहावत बहुत समझदारी से लिखी गई है। इसका मतलब है कि असली मर्द वो होता है जो कमजोरों के साथ लड़ता है, उन्हें सहारा देता है और उन्हें समर्थन देता है। वह शूरवीर होता है जो अपने वंश, समाज और देश की रक्षा करता है। असली मर्द वही होता है जो जीतने के लिए नहीं बल्कि समझने के लिए लड़ता है।

आज के दौर में, कुछ लोग इस बात को समझते हैं कि असली मर्द वो होता है जो दूसरों को नीचा दिखाता है। वे अपनी मानसिकता और शक्ति के आधार पर लोगों को डराते हैं और उन्हें अपनी ताकत और सामर्थ्य का अहसास दिलाते हैं। लेकिन असली मर्द वह होता है जो समस्याओं का सामना करते हुए जीतता है, नहीं कि अन्य लोगों को हराते हुए।

एक असली मर्द वही होता है जो अपने समय को और शक्ति को इस बात के लिए खर्च करता है कि वह दूसरों की मदद कर सके। वह जानता है कि जब उसके समाज से जुडी समस्याओं के बारे में अगले अखबार में खबर आने वाली हो, तो उन समस्याओं से उन्हें निपटना होगा, उस समय उसे दूसरों की मदद की जरूरत हो सकती है। असली मर्द वही होता है जो दूसरों के बजाय अपने आप पर ध्यान केंद्रित करता है। वह जानता है कि एक अच्छे मर्द का काम होता है समाज के लिए उपयोगी होना, दूसरों को सहायता देना और सभी को एक दूसरे के साथ मिलकर जीने की आदत डालना।

कमजोर लोगों के साथ लड़कर उन्हें समझता है, उनके साथ रहकर उन्हें मजबूत बनाता है। असली मर्द वह होता है जो कमजोर लोगों के साथ समय बिताकर उन्हें वास्तविक तरीके से मदद करता है। वह जानता है कि एक अच्छे मर्द का काम होता है कमजोरों के साथ सामंजस्य स्थापित करना और उन्हें अपने आस-पास की समस्याओं से बाहर निकालना।

कुछ लोग इसे गलत तरीके से समझते हैं कि असली मर्द वो होता है जो अपने हुस्न या ताकत के आधार पर अन्य लोगों को डराता है। लेकिन वास्तव में असली मर्द वह होता है जो उन सभी लोगों के साथ समझदारी करता है और उन्हें जानता है कि असली ताकत और सफलता एक संघर्षपूर्ण जीवन और दूसरों के साथ मिलकर कमजोरियों से लड़ने में होती है। असली मर्द वह होता है जो खुद को बाकी लोगों से बेहतर समझता है, लेकिन उन्हें दूसरों से अलग नहीं मानता है।

एक असली मर्द वह होता है जो न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी संघर्ष करता है। वह समाज को समझता है और सभी के लिए समान अवसर देखता है। वह जानता है कि एक सफल जीवन के लिए सामाजिक संबंध और विवेकपूर्ण निर्णय बहुत आवश्यक होते हैं।

इसलिए, यदि हम सब एक असली मर्द बनना चाहते हैं तो हमें दूसरों के लिए उपयोगी होने की कोशिश करनी चाहिए। हमें कमजोरों के साथ समझदारी से पेश आना चाहिए, उनकी मदद करनी चाहिए और उन्हें समस्याओं से बाहर निकालने में मदद करनी चाहिए। हमें दूसरों के साथ समानता और समझदारी से व्यवहार करना चाहिए।

असली मर्द वह होता है जो दूसरों को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत होता है। उसके लिए स्वार्थ और अहंकार का कोई स्थान नहीं होता है। वह दूसरों को समझता है और उनके समस्याओं को सुलझाने के लिए उनके साथ खड़ा होता है।

असली मर्द वह होता है जो अपनी मांगों के लिए सड़कों पर उतरता है, न्याय के लिए लड़ता है और समाज में बदलाव करने के लिए प्रयासरत होता है। वह बुराई से लड़ता है, सच्चाई का साथ देता है और अधिकारों के लिए लड़ता है।

असली मर्द वह होता है जो अपनी संवेदनशीलता को छुपाकर नहीं बल्कि उसे अपनी ताकत का हिस्सा बनाता है। वह महसूस करता है कि दूसरों के लिए खुशी की तलाश करना उसकी ताकत है।

असली मर्द वह होता है जो खुद के बारे में सोचता है लेकिन दूसरों के बारे में भी सोचता है। वह अपने सपनों को जीने के लिए उत्साहित होता है, लेकिन साथ ही साथ दूसरों को भी उत्साहित करता है।
सामाजिक मान्यताओं के अनुसार असली मर्द होने का अर्थ होता है कि आपके पास बड़े बाहुबली, ताकत और स्वाभिमान जैसे गुण हों। लेकिन, यह बिल्कुल सही नहीं होता। असली मर्द वह होता है जो अपने संवेदनशील तत्वों को समझता है और दूसरों के साथ उन्हें समझने का प्रयास करता है। असली मर्द वह होता है जो दूसरों के साथ समझौते करता है, और साथ ही साथ दूसरों के साथ उनके बुरे समय में होकर उनके साथ खड़ा होता है।

असली मर्द वह होता है जो समाज में बदलाव के लिए लड़ता है और उसे समझता है कि इस समाज को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। असली मर्द वह होता है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करता है, लेकिन साथ ही साथ दूसरों को भी उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। असली मर्द वह होता है जो दूसरों को समझता है और उनके साथ खड़ा होता है ताकि उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान मिल सके।

Published by Amir Hashmi

Amir Hashmi is an Indian Film Producer, Director, Writer, and Actor awarded the ‘Film excellence award’ by the Ministry of Information and Broadcasting, Govt. of India. Apart from being an artist, he is an outstanding speaker who hosted hundreds of inspiring workshops and campaigns amongst the youth. Awarded ‘Sangeet Visharad’ in Hindustani classical singing. He consistently promotes culture, humanity, and morality, and believes in truth and non-violence, besides being known for his environmental and patriotic initiatives.

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