देश जब विकट स्थिति से गुज़र रहा हैं जहां अर्थव्यवस्था 70 सालों में सबसे खराब हालात में हैं, सरकार को बजट चुनावी फ़ार्मूले से ज़्यादा अर्थव्यवस्था के फ़ार्मूले से बनाना चाहिए था। साथ ही यह बजट बड़े उद्योगपतियों के लिए असीमित सौगातें दिखाता हैं, जो देश के लिए हानिकारक हैं, जिस प्रकार के फार्मूलों से देश के संस्थान टुकड़े-टुकड़े होकर बिक रहें हैं, ऐसे समय में टैक्स कलेक्शन में इतनी छूट वित्त मंत्री की अपरिपक्वता दिखाती है, यह लंबे समय के लिए देश को पिछाड़ देगी।
– अमीर हाशमी
फ़िल्म डॉयरेक्टर