मांसाहारी बिल्लियों की जो कुटाई हो रहीं हैं उसका मज़ा मुर्गी कैसे छोड़ दें..

मुर्गी को तब तक बड़ा मज़ा आते रहता हैं जब तक मालिक बढियां से बढियां खान-पान देते रहता हैं, गर्म चावल का दिया जाना और बिल्लीयों को बासी हड्डी दिया जाना, यह मंज़र देखकर मुर्गी जैसे मालिक को भगवान ही समझने लगती हैं, भजन-कसीदे पढ़े जाती हैं। मगर उसके अंडे रोज़ मालिक चुरा लेता हैं सो मुर्गी इस तसल्ली में चुप रहती हैं कि भला मेरे आराध्य आख़िर मेरे साथ कुछ ग़लत थोड़ी ना करेंगे, चलो भगवान के लिए हम यह भी सहेंगे, भई मेरी ख़ातिर जो बिल्लियों की कुटाई हो रहीं हैं उसका मज़ा कैसे छोड़ दें..

इन मुर्गियों के बीच में कुछ मुर्गियां बगावती हो जाती हैं और बाक़ी मुर्गियों से कहती हैं कि बिल्लियां भी हमारे समाज का हिस्सा हैं उनमें अलग तरह के गुण हैं जो हमारी ही सुरक्षा ही करती हैं, हाँ थोड़ी झगड़ालू प्रवित्ति की हैं क्योंकि मांस खाने वाली है मगर हम एक रहें तो ही फ़ायदा हैं, लेकिन मुर्गियां अपना ख़ुद का पोर्ल्ट्री फ़ार्म बनाएं जाने के वादे पर इतनी आमादा हैं कि कहती है हमें ये बिल्लियां नहीं चाहिए बस, हमें अलग करदो. मालिक मालिक… अगली बार भी तुम्हीं मालिक..!!

एक दिन बिल्लियों को फाइनली क़ैद कर दिया जाता हैं और पर्दा तो साहब तब खुलता हैं जब अकेले पड़ जाने पर अब मालिक मुर्गियों को हलाल करना शुरू कर देता हैं, वैसे ही जैसे यहूदियों को मार डालने के बाद हिटलर अपने लोगों पर गोलियां चलाना शुरू कर चुका था, पर अब आये दिन कोई मेहमान आना शुरू करता है अजी बड़े-बड़े मेहमान अम्बानी-अडानी टाईप का और आये दिन बिरयानी बनाना शुरू हो जाती हैं।

तब मुर्गियों को पता चलता हैं कि वाट्सअप में भेजा गया बिल्लियों को लेकर नफरत भरा मेसेज असल में उनके ही अंडे चोरी होने और हलाल होने की अलामत थी। कमाल की बात यह कि अब बिल्ली अब किसी और ज़मीन पर कहीं और मुहब्बत फैला रहीं हैं, बस अफ़सोस था कि जिन्हें वो असल में दोस्त समझकर बचाना चाहती थी वहीं उसकी जान लेने में लगे थे, मासूम थी मुर्गियां जिनसे बिल्ली बहुत प्रेम करती थी।

Published by Amir Hashmi

Amir Hashmi is an Indian Film Producer, Director, Writer, and Actor awarded the ‘Film excellence award’ by the Ministry of Information and Broadcasting, Govt. of India. Apart from being an artist, he is an outstanding speaker who hosted hundreds of inspiring workshops and campaigns amongst the youth. Awarded ‘Sangeet Visharad’ in Hindustani classical singing. He consistently promotes culture, humanity, and morality, and believes in truth and non-violence, besides being known for his environmental and patriotic initiatives.

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: