मैं बहुत ज़्यादा पढ़ने और चीजों को समझने में लगा हूँ, गहराईयों तक डूबकर लिखने में लगा हूँ, यह वो दीवान हैं जो तुम्हारे बच्चों के बच्चों को पी.एच.डी. और फिल्मों को ऑस्कर दिलाएगा. मैंने ख़ुद को बंद कर लिया हैं मुझसे अभी राब्ते की उम्मीद ना रखें। मैं एक चमनप्राश के ईजाद में लगा हूँ, वो बन जायेगा तो आप सारे चूरन खाना बन्द कर देंगे। चूरन बेचने से परहेज़ नहीं है, लेकिन दिल गवारा नहीं करता हैं। मगर आज कल बहुत से लोग परेशान होकर मुझसे यही पूछ रहें हैं…
“अमीर क्या तुम पागल हो गए हो..?”
सोचता हूँ उन्हें हाँ कहना शुरू कर दूँ.
वाह,लाज़वाब…..
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