छत्तीसगढ़ी फ़िल्मी कलाकारों के साथ हुई मारपीट निंदनीय है: अमीर हाशमी
छत्तीसगढ़ी फ़िल्मी कलाकारों के साथ बीते दिनों हुयी मारपीट की खबर को सुनकर छत्तीसगढ़ मूल के फ़िल्ममेकर अमीर हाशमी ने छ.ग. के कलाकारों के लिए दुख व खेद जताया है तथा पुलिस प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की अपील की है, तथा मेरी सवेदनाएं पीड़ित कलाकारों के साथ है।
सिने असोसिएशन एक विचारधारा की कठपुतली है तथा अनुदान पर पूरी इंडस्ट्री है निराश्रित
हाशमी ने दुःख और खेद प्रकट करते हुए बताया की छत्तीसगढ़ी फिल्मों के कलाकार कम बजट फिल्मों और सरकारी अनुदान के सहारे चाटुकारिता पूर्ण फिल्में बनाने पर मजबूर है उन्हें हमारे बॉलीबुड की तरह खुलकर काम करने की आज़ादी तक नहीं है फिर भी ऐसी विपरीत परिस्थितियों के बाद भी दर्शकों के मनोरंजन के लिए लगातार मेहनत करते रहते हैं जहां उन्हें आज के हिसाब से पारिश्रमिक भी प्राप्त नहीं होता फिर भी कला व संस्कृति को बचाने के लिए वह लगातार काम करते आ रहे हैं और यदि इस तरह कलाकारों के साथ मारपीट होगी तो वह कैसे काम कर करेंगे।
श्री हाशमी ने प्रशासन से मांग की है की दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करे, जिससे आने वाले समय में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो तथा उसके लिए जो भी महत्वपूर्ण योजनाएं हो सकें, सरकार को बनानी चाहिए खासकर सालों से मनोनीत अध्यक्षों के बजाये सिने असोसिएशन में स्वतंत्र चुनाव आयोजित करने की सलाह भी दी है ताकि किसी भी एक विचारधारा या व्यक्ति का एकाधिकार ना हो तथा सिनेमा से ज़ुड़े आम टेक्नीशियनों, सिनेमेटोग्राफर्स इत्यादि को संगठन की असली शक्ति प्रादन की जा सकें, जिससे की कलाकारों का सम्मान बरकरार रहे और उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े, सालों से बैठे चंद लोगों का एसोसिएशन पर राजनीतिक एकाधिकार मुम्बई या अन्य प्रांतों से आने वाले लेखकों, क्रिएटिव टेक्नीशियनों, निर्देशकों के लिये बाधा बना हुआ है, छत्तीसगढ़ में भी फिल्मों का स्कोप बहुत वृहद है बस ज़रूरत है तो एक अच्छे लीडरशिप की जिन्हें सिनेमा की समझ तथा दूसरों की क्रिएटिविटी का भी सम्मान करने की समझ हो.