“कामियाबी अधर्म के ज़्यादा करीब है, क्या समय आ गया हैं नास्तिक बन जाने का ?”: अमीर हाशमी

“कामियाबी अधर्म के ज़्यादा करीब है, क्या समय आ गया हैं नास्तिक बन जाने का ?”

थॉमस एडिसन की शिक्षा, उनका स्कूल से निकाल दिया जाना, और माँ के प्रोत्साहन से भरी इमोशनल कहानियाँ हज़ारों है जिसमें कही पर थॉमस एडिसन ख़ुद एक हीरो है, तो कही माँ के महत्त्व की ब्रांडिंग नज़र आती है, मैं बहुत प्रैक्टिकल इंसान हूँ जल्दी किसी बात से सहमत हो जाना मेरी आदत नहीं है.

मै हज़ारों कामियाबी से भरी कहानियों में एक समानता देखता हूँ और वो ये कि हर प्रभावशाली और कामियाब इंसान एक बात से ज़रूर बचता है और वो है “मन की शांति”

वैसे ये शब्द खुद को सुनने और दूसरों को सुनाने में बड़ा आध्यात्मिक लगता हैं और लगता है कि नियमित और अनुशासित जीवन जिसमें सुबह उठने जैसे शब्द शामिल हैं, तो इनसे मन की शान्ति, आराध्य इत्यादि सब मिल सकता है, या शायद ईश्वर की आराधना या ज़्यादा इबादत से मगर उनका क्या जिन्होंने कभी अनुशासन का पालन किया ही नहीं..?

दुनिया में एकलौता देश हैं रूस, जहां कभी धर्म के के नाम पर दंगे नहीं हुए क्युकी वहाँ 80% से अधिक लोग नास्तिक हैं वे किसी भी धर्म या ईश्वर पर विश्वास नहीं करते हैं.

अमरीका पिछले कई दशकों से विश्वशक्ति हैं जबकि चाईना और भारत मध्यपूर्व देशों में विश्वशक्ति बनने के लिए प्रयास करते रहते हैं, कर रहें हैं लेकिन रूस चुपचाप कई दशकों से एक ऐसा विकसित देश हैं जिससे कोई भी हो दुश्मनी मोल लेना नहीं चाहेगा।

मन की शांति जैसे शब्दों से दूर ह्रदय की गहराइयों तक कुछ कर गुज़रने की आग और असीमित साहस, जिन्होंने ना शायद नमाज़ पडी ना जीवन में कभी मदिर जाने वाले ही थे, ना वेज – नॉनवेज का कोई चक्कर.

असल में दुनिया के सबसे बड़े अविष्कारक, धनी, क्रांतिकारी और कामयाब लोगों की अगर निजी ज़िंदगी देखी जाए जिन्होंने इतिहास रचा और आज भी रच रहे हैं तो पता चलता है कि ये लोग तो धर्म की स्टीरियोटाइपिंग अवधारणा से कोसो दूर रहने वाले लोग है,

हाँ इस लिस्ट में कृपा करके भारत के तथाकथित नेताओं को हटा दीजिये क्योंकि राजनीति की रोटी सेकने के लिए आपको धार्मिक होना और सादे लिबास पहनना लाज़मी है.

“किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं।”

भगत सिंग नास्तिक ना होते तो ज़ाहिर हैं कि अंग्रेज़ों के हज़ार ज़ुल्म सहने के बाद माफ़ी की दरकार और ख़ुदा की ईबादत करते, लेकिन हिन्दुस्तान के बेटों में आज़ादी की आग लगाने भगत ने कहाँ कि माफ़ी नहीं मुझे फ़ासी ही चाहिए। क्युकि “किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं।” 

“प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।“ – भगत सिंह

दुनियां सबसे कामियाब लोगों की सच्ची प्रेम कहानियां भी हैं, यह सारे के सारे अधर्मियों ने प्रेम रोमांस भी गजब का किया है, मगर वो कहानियां फिर किसी रोज़… फिर मिलते हैं.

आपका अमीर हाशमी

Some Popular Atheist Faces:

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Published by Amir Hashmi

Amir Hashmi is an Indian Film Producer, Director, Writer, and Actor awarded the ‘Film excellence award’ by the Ministry of Information and Broadcasting, Govt. of India. Apart from being an artist, he is an outstanding speaker who hosted hundreds of inspiring workshops and campaigns amongst the youth. Awarded ‘Sangeet Visharad’ in Hindustani classical singing. He consistently promotes culture, humanity, and morality, and believes in truth and non-violence, besides being known for his environmental and patriotic initiatives.

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